जहाँ एक ओर पूरी दुनिया कोरोना वायरस का मार झेल रही है तथा उससे बचने के उपाय तथा निवारण ढूंढ रही है, वहीं भारत में कुछ अजीबोगरीब घटनाएं हो रही हैं तथा बहस छिड़ी हुई है। घटना ये कि जहां एक और संपूर्ण विश्व में सोशल डिस्टेंसिंग व घरों से ना निकलने की बात चल रही है तो वहीं भारत में कहीं रामलला जी की शिफ्टिंग हो रही है, कहीं मंत्री शपथ ले रहे हैं, कहीं रैलियां हो रही हैं, तो कहीं थाली पीट-पीटकर जुलूस निकाला जा रहा है तो कहीं तबलीगी जमात की निजामुद्दीन मरकज में बैठक हो रही है। 13 मार्च को निजामुद्दीन मरकज में तबलीगी जमात की बैठक होती है। इस बैठक में सऊदी अरब, मलेशिया तथा इंडोनेशिया सहित अन्य देशों के लगभग 300 लोग तथा भारत के अलग-अलग राज्यों से लगभग 2500-2700 लोग हिस्सा लेते हैं। इस प्रकार यह कुल संख्या 3000 के आसपास जाती है। ध्यान देने वाली बात यह है कि 13 मार्च को ही दिल्ली सरकार ने एक दिशा निर्देश जारी किया था जिसमें यह कहा गया था कि एक स्थान पर 200 से अधिक लोग इकट्ठा नहीं हो सकते। यह आंकड़ा फिर 50 और 5 का हो गया। सवाल यह है कि सरकार क...
जनसंख्या वृद्धि :- परमाणु विस्फोट से भयानक होगा जनसंख्या विस्फोट भारत सहित संपूर्ण दुनिया में अनेकों समस्याएं हैं जैसे- पर्यावरण प्रदूषण , बेरोजगारी , युद्ध स्थिति , सीमा को लेकर तनाव , राजनैतिक तनाव , धार्मिक मुद्दे , व्यापार इत्यादि। इन्हीं कुछ सबसे बड़ी समस्याओं में से एक है जनसंख्या वृद्धि। तय सीमा से अधिक जनसंख्या किसी भी देश के लिए परेशानी का सबब बनती है। परिचय व आंकड़े सुप्रसिद्ध विचारक गार्नर के अनुसार किसी भी देश की जनसंख्या उससे अधिक नहीं होनी चाहिए , जितनी उस देश के पास साधन-संपन्नता हो। अगर हम इसे दूसरी भाषा में समझें तो जनसंख्या किसी भी देश के लिए वरदान होती है परंतु जब अधिकतम रेखा को पार कर जाती है तो वहीं जनसंख्या अभिशाप बन जाती है। भारत में जनसंख्या सबसे बड़ी समस्याओं में से एक है। भारत की जनसंख्या दिन दोगुनी रात चौगुनी की रफ्तार से बढ़ रही है। बढ़ती हुई जनसंख्या का अनुमान इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि स्वतंत्रता प्राप्ति के समय भारत की जनसंख्या मात्र 36 करोड़ थी। सन 1991 में यह 86 करोड़ थी। 2001 की जनगणना के अनुसार भारत की जनसंख्या लगभग 102 करोड़ थ...